कोरोना कहर- मास्क की कीमतों में 4 गुना तक इजाफा

चीन में फैले संक्रमित कोरोना वायरस ने भारत में भी दस्तक दे दी है। अब तक अपने देश में इसके 18 मामले सामने आ चुके हैं। कोरोना का खौफ इतना है कि पैरंट्स बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर दिया है। फेस मास्क की डिमांड इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि मेडिकल दुकानों के स्टॉक खाली पड़ गए हैं। डिमांड बढ़ने के कारण इसके प्राइस में भी काफी तेजी आई है। फ्लिपकार्ट पर इसकी कीमत 49 रुपये है और डिलिवरी में 4-5 दिन का वक्त लगेगा। ऐमजॉन पर यह उपलब्ध नहीं है। सर्जरी में इस्तेमाल किए जाने वाले मास्क की कीमत में 300 फीसदी से भी ज्यादा की तेजी आ गई है। जिस मास्क की कीमत 10 रुपये होती है, वह 40-50 रुपये में भी नहीं मिल रहा है। मास्क के अलावा सैनिटाइजर की कीमत में भी उछाल आया है।


जिन अस्पतालों में पहले से ज्यादा स्टॉक नहीं थे, वहां मेडिकल स्टॉफ को भी यह उपलब्ध नहीं हो रहा है। मास्क की बहुत बड़े पैमाने पर सप्लाई चीन से होती थी, लेकिन फिलहाल वहां से सप्लाई बंद है। लोकल मास्क प्रोड्यूसर जरूरत के हिसाब से मास्क बनाने में पिछड़ रहे हैं। मेडिकल एक्सपर्ट सलाह दे रहे हैं कि अगर आप हेल्दी हैं और कोई जरूरतमंद है, मसलन जिसे सर्दी जुकाम हो गया हो या मेडिकल स्टॉफ, जिसे इसकी ज्यादा जरूरत है तो बेहतर होगा कि आप जरूरतमंदों को पहले खरीदने दें, क्योंकि उन्हें इसकी जरूरत ज्यादा है। इसके अलावा साफ-सफाई बरतने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि इंफेक्शन से समस्या नहीं बढ़े। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इंग्लैंड में कई विज्ञापनों को प्रतिबंधित कर दिया गया है, जिसमें यह दावा किया जा रहा था कि उनके ब्रैंड का मास्क कोरोना वायरस को फैलने से रोकता है। मेडिकल विशेषज्ञ हर किसी से अपील कर रहे हैं कि लगातार हाथ धोते रहें और खुद को इंफेक्शन से बचाएं। " alt="" aria-hidden="true" />


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इसी के अनुसार देश में गंभीर सांस रोगियों के 5911 में से 104 सैंपल पॉजीटिव मिले हैं। अध्ययन में इन मरीजों की आयु औसतन 44 से 63 वर्ष के बीच बताई गई है। वहीं 83.3 फीसदी मरीज पुरूष हैं।
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देश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वहीं भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अध्ययन में चौंकान्ने वाला खुलासा हुआ है। देश के 21 राज्यों के 52 जिलों में 5911 में से 104 गंभीर सांस रोगी कोरोना पॉजीटिव मिले हैं। इनमें ज्यादात्तर मरीजों की आयु 50 वर्ष से ऊपर है और पुरूषों की संख्या अधिक है। 104 में से 39.2 फीसदी (40) संक्रमित मरीजों की कोई हिस्ट्री नहीं मिली है। न तो ये विदेश से आने वाले किसी व्यक्ति के संपर्क में आए हैं और न ही संक्रमित मरीज के संपर्क में आए हैं। दरअसल मार्च के पहले सप्ताह में कोरोना वायरस को लेकर आईसीएमआर ने अपनी लैब में कुछ रैडम सैंपलिंग की थी, जिसमें एक हजार सैंपल की जांच के बाद एक भी पॉजीटिव केस नहीं मिला था। इसके बाद 20 मार्च को टेस्टिंग प्रक्रिया में बदलाव करते हुए अस्पतालों में भर्ती गंभीर श्वास रोगियों की जांच कराने के निर्देश दिए गए। 15 से 29 फरवरी तक की गई 965 गंभीर सांस रोगियोंं की जांच में से दो मरीज पॉजीटिव मिले लेकिन जब टेस्टिंग प्रक्रिया में बदलाव हुआ तो देश भर के अस्प्तालों में भर्ती 4946 सैंपल की जांच हुई जिसमें से 102 सैंपल पॉजीटिव मिले।
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अध्ययन के अनुसार गुजरात से 792, तमिलनाडू से 577, महाराष्ट 553 और केरल से 502 गंभीर श्वास रोगियों के सैंपल जांचे गए थे।
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